सर्दी जुकाम को समझ कोरोना का अटैक आंध्रा के शख़्स ने दी जान
कोरोनावायरस का डर लोगों के दिमाग में इस कदर बैठ गया है कि अब लोग डर से आत्महत्या करने लगे हैं ।
खुदकुशी भी इसलिए की गई ताकि उसकी वजह से किसी को कोरोनावायरस का संक्रमण न हो. कोई उसकी वजह से बीमार न हो।
ये घटना आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh) के चित्तूर जिले के थोट्टमबेडू गांव के बालाकृष्णैया जी की है ।
उनको लगा कि उन्हे कोरोना वायरस का संक्रमण हो गया है।
अब इसका कोई इलाज तो है नहीं। उनकी वजह से और लोग बीमार न हो इसलिए उन्होंने अपनी मां की कब्र के पास ही एक पेड़ से लटककर खुदकुशी कर ली ।
54 वर्षीय बालाकृष्णैया शनिवार को रुइया सरकारी अस्पताल में गए थे जांच के लिए. वहां पता चला कि उन्हें यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन है ।
लेकिन डॉक्टरों से बातचीत के दौरान कोई कन्फ्यूजन हुआ जिसकी वजह से उन्हें लगा कि वे कोरोनावायरस से संक्रमित हैं।
बालाकृष्णैया के बेटे ने मीडिया वालों को बताया कि मैंने पिता जी को समझाने की कोशिश की थी कि उन्हें कोरोनावायरस (Coronavirus) का संक्रमण नहीं है।
लेकिन वे काफी शांत थे. वे ज्यादा पढ़े-लिखे नहीं थे. इसलिए डॉक्टर की बात भी नहीं समझ पाए... उन्हें लगा कि उन्हे कोरोनावायरस है
शनिवार को अस्पताल से आने के बाद बालाकृष्णैया अजीबोगरीब तरीके से व्यवहार कर रे थे
सोमवार की सुबह उन्होंने खुदकुशी कर ली. बालाकृष्णैया की पत्नी ने बताया कि डॉक्टरों ने बालाकृष्णैया को बताया कि उन्हें इंफेक्शन है. उन्हें मास्क लगाना चाहिए.. ।
इसके बाद बालाकृष्णैया को लगा कि उन्हे कोरोना (Coronavirus) का संक्रमण है. परिवार और गांव के लोगों में ये बीमारी न फैले इसलिए उन्होंने खुदकुशी कर ली.
आपको बता दे की कोरोना वायरस से अब तक करीब 45000 लोग बिमार हो चुके है, और करीब 1110 लोगो की मौत हो चुकी है ।
खुदकुशी भी इसलिए की गई ताकि उसकी वजह से किसी को कोरोनावायरस का संक्रमण न हो. कोई उसकी वजह से बीमार न हो।
ये घटना आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh) के चित्तूर जिले के थोट्टमबेडू गांव के बालाकृष्णैया जी की है ।
उनको लगा कि उन्हे कोरोना वायरस का संक्रमण हो गया है।
अब इसका कोई इलाज तो है नहीं। उनकी वजह से और लोग बीमार न हो इसलिए उन्होंने अपनी मां की कब्र के पास ही एक पेड़ से लटककर खुदकुशी कर ली ।
54 वर्षीय बालाकृष्णैया शनिवार को रुइया सरकारी अस्पताल में गए थे जांच के लिए. वहां पता चला कि उन्हें यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन है ।
लेकिन डॉक्टरों से बातचीत के दौरान कोई कन्फ्यूजन हुआ जिसकी वजह से उन्हें लगा कि वे कोरोनावायरस से संक्रमित हैं।
बालाकृष्णैया के बेटे ने मीडिया वालों को बताया कि मैंने पिता जी को समझाने की कोशिश की थी कि उन्हें कोरोनावायरस (Coronavirus) का संक्रमण नहीं है।
लेकिन वे काफी शांत थे. वे ज्यादा पढ़े-लिखे नहीं थे. इसलिए डॉक्टर की बात भी नहीं समझ पाए... उन्हें लगा कि उन्हे कोरोनावायरस है
शनिवार को अस्पताल से आने के बाद बालाकृष्णैया अजीबोगरीब तरीके से व्यवहार कर रे थे
सोमवार की सुबह उन्होंने खुदकुशी कर ली. बालाकृष्णैया की पत्नी ने बताया कि डॉक्टरों ने बालाकृष्णैया को बताया कि उन्हें इंफेक्शन है. उन्हें मास्क लगाना चाहिए.. ।
इसके बाद बालाकृष्णैया को लगा कि उन्हे कोरोना (Coronavirus) का संक्रमण है. परिवार और गांव के लोगों में ये बीमारी न फैले इसलिए उन्होंने खुदकुशी कर ली.
आपको बता दे की कोरोना वायरस से अब तक करीब 45000 लोग बिमार हो चुके है, और करीब 1110 लोगो की मौत हो चुकी है ।
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