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ऐसै मामलो पर माननीय न्याधीश का नजर क्यो नही जाता

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झारखंड के सिमडेगा जिले के एक गांव में भूख से एक बच्ची के मरने की खबर है. 11 साल की संतोष कुमारी ने पिछले कई दिनों से नहीं खाया था. संतोष अपने परिवार के साथ कारीमाटी मे रहती थी. यह सिमडेगा जिले के जलडेगा प्रखंड की पतिअंबा पंचायत का एक गांव है.  संतोष की मां कोयली देवी का कहना है, ''मैं चावल लेने के लिए राशन की दुकान पर गई थी लेकिन राशन वाले ने मुझे राशन देने से मना कर दिया. ''मेरी बेटी भात-भात पुकारते हुए मर गई.'' कोयली देवी के पास बीपीएल कार्ड था लेकिन राशन नहीं मिलता था. बताया जा रहा है कि राशन वाले ने आधार लिंक नहीं होने की वजह से उनका कार्ड कैंसिल कर दिया था.  मीडिया में चल रही खबरों की मानें तो गांव के राशन वाले ने पिछले आठ महीने से उन्हें राशन देना बंद कर दिया था. क्योंकि, उनका राशन कार्ड आधार से लिंक नहीं था. हालांकि झारखंड के खाद्य आपूर्ति मंत्री का कहना है कि हमारी तरफ से साफ निर्देश है कि जिन लोगों का राशन कार्ड आधार से लिंक नहीं है उन्हेंं राशन देने से इंकार नहीं किया जा सकता है. इस पर राज्य सरकार के खाद्य व आपूर्ति मंत्री ने कहा है कि जांच

एक कहानी

एक युवती बगीचे में बहुत गुस्से में बैठी थी पास ही एक बुजुर्ग बैठे थे  उन्होने उस परेशान युवती से पूछा :- क्या हुआ बेटी क्यूं इतना परेशान हो  युवती ने गुस्से में अपने पति की गल्तीयों के बारे में बताया  बुजुर्ग ने मंद मंद मुस्कराते हुए युवती से पूछा बेटी क्या तुम बता सकती हो तुम्हारे घर का नौकर कौन है ? युवती ने हैरानी से पूछा :- क्या मतलब ? बुजुर्ग ने कहा :- तुम्हारे घर की सारी जरूरतों का ध्यान रख कर उनको पूरा कौन करता है? युवती :- मेरे पति  बुजुर्ग ने पूछा :- तुम्हारे खाने पीने की और पहनने ओढ़ने की जरूरतों को कौन पूरा करता है? युवती :- मेरे पति  बुजुर्ग :- तुम्हें और बच्चों को किसी बात की कमी ना हो और तुम सबका भविष्य सुरक्षित रहे इसके लिए  हमेशा चिंतित कौन रहता है? युवती :- मेरे पति  बुजुर्ग ने फिर पूछा :- सुबह से शाम तक कुछ रुपयों के लिए बाहर वालों की और अपने अधिकारियों की खरी  खोटी हमेशा कौन सुनता है ? युवती :- मेरे पति  बुजुर्ग :- परेशानी ऒर गम में कॊन साथ देता है , युवती :- मेरे पति  बुजुर्ग :- तुम लोगोँ के अच्छे जीवन और रहन सहन के लिए दूरदराज जाकर, सारे सगे संबंधि

20 किलो आटा.....!!

एक बहुत ही सुंदर महिला थी , .... अपने बेटे को पास के कोचिंग सेंटर मे भर्ती करवा आई... कोचिंग सेंटर में पढाने वाला टीचर उस महिला की सुंदरता के बारे मे जानता था, छुट्टी के समय टीचर ने उसके बेटे से कहा - अपनी मम्मी को मेरा नमस्कार कहना.... बेटे ने आकर माँ को कह दिया कि टीचर साहब ने आपको नमस्कार भेजा है। महिला ने भी बेटे के हाथों नमस्कार का उत्तर नमस्कार भेज कर दे दिया। ये सिलसिला हफ्ते भर चला .... महिला की आँखें खुली. अपने पति से परामर्श किया और अगले दिन बेटे से टीचर को कहलवाया कि शाम को घर पर बुलाया है ... टीचर खुश ... 3 दिन से नहाया नहीं था, बासी कपड़ो को इस्तरी करवाया, इत्र मारा और पहुँच गया सुंदरी के घर। . . महिला ने पहले आवभगत की ... फिर चाय नाश्ता करवाया, फिर बेटे की पढ़ाई के बारे मे जानकारी ली। टीचर औपचारिक बातें करने के बाद, अपनी असलियत पे आया, कहा - हे भगवान, आपको खुदा ने बड़ी फुर्सत मे तराशा है , - वो तो है , शुक्रिया ... - मुझे आपसे इश्क़ हो गया है मुहतरमा... ( लार टपकने लगी ... ) - हाँ वो तो है, पर ये बात यदि मेरे पति ने सुन ली तो बहुत मुश्किल होगी, वो आते ही होंगे ..

ये शामें गुजरती नही...!!

दिन कट जाते हैं..... ....ये शामें गुजरती नही .. दीवाली आहट पर भी... ....अब फुलझड़ीया जलती नही

हर एक अंजाम का आगाज तय है....!!

हर एक आगाज का अंजाम तय है,. सहर कोई हो उसकी शाम तय. है..!!!